कभी-कभी हमारे भीतर विचारों का अंतर्द्वंद चलता रहता है। पर यदि संकल्प शक्ति हो तो आसानी से मन पर विजय पाई जा सकती है।(Sometimes there is a conflict of thoughts within us. But if you have the power to resolve, then the mind can easily be conquered.)
आज मन था कुछ गमगीन,
कवितायें लिख दीं तीन,
मन बुझा बुझा सा बोझिल था,
चिंता के जाल में उलझा था,
कलम ने उठ कुछ लिखना चाहा,
पर मन को यह सब न भाया,
उसे तो करनी मनमानी थी,
उसकी तो यह जन्मजात निशानी थी,
पर हिम्मत कर कलम बोली,
वैसे तो मेरी सांसें फूलीं,
तुझसे कौन जीत सका है,
हर कोई तो तुझसे थका है,
पर अब मैं तुझसे हार न मानूं,
मुझे झुका तो मैं जानूं,
तूं चाहता लिखूँ गम की गज़ल,
कर दूं सबकी आंखें सजल,
पर मेरी नहीं यह नीयत है,
मेरी हरी भरी तबीयत है,
डिस्चार्ज न मैं हो पाऊंगी,
कोरे कागज के सीने पे,
नित ऊर्जा भरती जाऊंगी।
👍
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Thanx Jimy
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👌
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Great
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Thanks Sahaj
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Beautiful
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Thanks
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Ojpurn shabd……Thank you
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ईश्वर का सहारा लेकर सत्कर्म करते रहना चाहिए, जीत पक्की है।
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अनुपम
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धन्यवाद 🙏
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धन्यवाद
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Sankalp shakti sabse upar hoti hai
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Ji, Dhnyawad
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