
तेरे भीतर जग समाया,
तू सबके भीतर समाया,
इन नैनों से दिखता जो भी,
वह सब है तेरी ही छाया,
सबकी अपनी सीमा रेखा,
सबकी अपनी अपनी काया,
एक असीमित तो तू ही है,
सब कोई तेरा ही साया,
अणु घूमे परमाणु घूमे,
घूमे ग्रह नक्षत्र बिन पहिया,
करें परिक्रमा तेरी ही सब,
खूब निराली तेरी माया,
स्थिर है तो एक तू ही है,
कहीं न आया कहीं न जाया,
यह कहे मेरा वह कहे मेरा,
सबको अपना ही सुख भाया,
सबके भीतर एक तू ही है,
कौन है अपना कौन पराया,
सब कोई ढूंढे तुझको ही,
यहां न पाया वहां न पाया,
जिसने प्रेम किया खुद मिटकर,
उसी के भीतर तू प्रगटाया।
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👌👌👌👌👌
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Thanks
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अति सुंदर
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धन्यवाद🙏
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Bahut wadiya👌👌👌👌
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Thank you ji 🙏😊
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Jin prem kiyo tin he prabh payo
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Good expression. Thank you
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Thank you very much 🙏
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Akhii andar dekhda darshan vich dissye………Hamari aankhon se vo hi dekhta hai aur darshan me vo parmatma hi dikhta hai🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐💐💐💐💐💐
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🙏🙏🙏🙏🙏
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Ati sunder…
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धन्यवाद🌹
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👏👏👏
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👍👍
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बहुत सुंदर रचना 👌🏼👌🏼
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हृदय से धन्यवाद😊
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👌👌☺️
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🧡🧡
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